मैं भी हुआ करता था वकील इश्क वालों का कभी…नज़रें उस से क्या मिलीं आज खुद कटघरे में हूँ…!! 

ये इश्क़ एक जुआ है बताओ क्या खेलोगे ? समझ लो दाव पर सब कुछ लगाना पड़ता है…!! 

तेरे रुखसार पर ढले हैं मेरी शाम के किस्से,  खामोशी से माँगी हुई मोहब्बत की दुआ हो तुम…!! 

फिर मैं बर्बाद भी हो जाओ ,तो हो जाने दो,  एक हसरत है के वो मेरा मुकद्दर बन जाए..! ! 

तमन्ना थी कि कोई टूट कर चाहे हमे मगर अफसोस हम खुद ही टूट कर बिखर गये किसी को चाहते -चाहते…!!

मै सूरज के साथ रहकर भी भूला नही अदब  लोग जुगनू क साथ पाकर भी मगरूर हो गए …!! 

यहाँ लोग अपनी गलती नहीं मानते तो किसी को अपना कैसे मान लेंगे..!!😢 

हमें दोस्तो को दिल में और दुश्मनों को दिमाग रखने कि आदत है मेरी | 

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